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जब आग लगे... / रामधारी सिंह "दिनकर"
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08:23, 27 अगस्त 2020
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<poem>सीखो नित नूतन ज्ञान,नई परिभाषाएं,
जब आग लगे,गहरी समाधि में रम जाओ;
या सिर के बल हो खडे परिक्रमा में घूमो।
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