गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
किस तरफ़ से आ रही है / फ़िराक़ गोरखपुरी
8 bytes added
,
16:14, 25 अक्टूबर 2020
चढ़ गई थी त्योरियाँ मेरी उदासी पर 'फिराक़'.
याद आते हैं मुझे वो बल पड़े अबरू-ए-दोस्त.
</poem>
सशुल्क योगदानकर्ता ५
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,349
edits