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दोहे / फ़िराक़ गोरखपुरी
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17:11, 25 अक्टूबर 2020
वेद,पुराण और शास्त्रों को मिली न उसकी थाह
मुझसे जो कुछ कह गई , इक बच्चे की निगाह.
</poem>
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