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11:37, 10 अक्टूबर 2008 {{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=अमृता प्रीतम
|संग्रह=चुनी हुई कवितायें / अमृता प्रीतम
}}
[[Category:पंजाबी]]
<poem>
मेरी सेज हाजिर है
पर जूते और कमीज की तरह
तू अपना बदन भी उतार दे
उधर मूढ़े पर रख दे
कोई खास बात नहीं
बस अपने अपने देश का रिवाज है……
</poem>