Changes

उमाकांत मालवीय / परिचय

79 bytes added, 10:40, 23 अप्रैल 2021
कविता संग्रह
मेहँदी और महावर, 'सुबह रक्त पलाश की', 'एक चावल नेह रींधा' जैसे नवगीत संग्रहों में उनकी रागात्मकता और जनसरोकारों को अलग से रेखांकित किया जा सकता है। डॉ. शम्भुनाथ सिंह उन्हें नवगीत का भागीरथ कहा करते थे। गीत-नवगीत के प्रस्थान बिंदु पर वह अलग से किनारे पर खड़े पेड़ नजर आते हैं। उमाकांत जी को निःसंकोच नवगीत का ट्रेंड सेटर की प्रवृत्तियों को स्थापित करने वाला प्रमुख रचनाकार कहा जा सकता है।
`मेहंदी और महावर'
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits