'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विवेक चतुर्वेदी |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
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{{KKRachna
|रचनाकार=विवेक चतुर्वेदी
|अनुवादक=
|संग्रह=स्त्रियाँ घर लौटती हैं / विवेक चतुर्वेदी
}}
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<poem>
रात के रफ़ूगर ओ ...
भर दे उनींदी आत्मा के छेद
दे मुझे नींद ऐसी
कि इक सियन में सुबह हो ।।
</poem>