गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
देखा जाएगा / देवेन्द्र आर्य
3 bytes added
,
04:54, 11 जुलाई 2021
केवल ख़तरा-ख़तरा चिल्लाने से बेहतर है
मार लें हम
होठों
होंठों
पर ताला
देखा जाएगा।
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits