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दो मिसरे / विजय वाते
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01:08, 30 अक्टूबर 2008
* [[दोपहर कैसे बिताना चाहिए / विजय वाते]]
* [[कामयाबी गुमान है प्यारे / विजय वाते]]
* [[दर्द
सा
सारा
उलझनों में खो गया / विजय वाते]]
* [[लोग झिलमिलाते है / विजय वाते]]
* [[अँधेर को अँधेर कहा / विजय वाते]]
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KKSahayogi,
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