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पुनर्जन्म / यानिस रित्सोस / मंगलेश डबराल
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22:46, 13 अक्टूबर 2021
ऊपर से उतरी — और जब
हमने आसमान की ओर देखा तो उसकी झारी से पानी की कुछ बून्दें
आहिस्ता से गिर
पड़ींहमारे
पड़ीं हमारे
गालों, ठुड्डियों और होंठों पर ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल'''
</poem>
अनिल जनविजय
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