Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हाइनर म्युलर |अनुवादक=उज्ज्वल भट...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हाइनर म्युलर
|अनुवादक=उज्ज्वल भट्टाचार्य
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मेरे बाप की
दो टाँगें हैं ।

उनमें से एक
लकड़ी की है
जो उसे
युद्ध में मिली थी।

अब बूझो ज़रा :
किस टाँग पर
उसे फ़ख़्र है ?

'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits