Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हाइनर म्युलर |अनुवादक=उज्ज्वल भट...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हाइनर म्युलर
|अनुवादक=उज्ज्वल भट्टाचार्य
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
लेहमान्न दम्पति के पास नन्हे क्लाउस के लिये वक़्त ही नहीं है :
पेशे का काम, सामाजिक कर्तव्य, स्वाध्या ।
क्लाउस : पापा, आपके पास वक़्त होगा ?
बाप : तुझे एक काठ का घोड़ा देता हूँ ।
और क्लाउस को तोहफ़े में एक घोड़ा मिल जाता है ।

क्लाउस : मम्मी, वक़्त है तुम्हारे पास ?
माँ : तुझे एक हिण्डोला घोड़ा देती हूँ ।
क्लाउस को एक और हिण्डोला घोड़ा मिल जाता है ।
क्लाउस के पास अब काठ के इतने सारे झूलन घोड़े हो गए हैं कि उसके कमरे में इसके लिए कोई जगह ही नहीं बची है कि घोड़े पर बैठकर झूल सके।

नन्हे क्लाउस का डरावना सपना : चारों ओर से हिण्डोले घोड़े डोलते हुए बड़ी तेज़ी से उसकी ओर बढ़े चले आ रहे हैं । वह बिस्तर से नीचे कूद पड़ता ह और माँ-बाप को पुकारने लगता है।

लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिलता । वह हर कमरे में जा-जाकर उन्हें ढूँढ़ता है,
पर वे कहीं नहीं हैं ।
क्लाउस एक बड़ी सी पट्टी पर लिखता है : काठ के 44 घोड़ों के बदले माँ-बाप का एक जोड़ा चाहिए ।

'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits