561 bytes added,
23:51, 14 नवम्बर 2021 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=खगनियाँ
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
पहेली :
रहती अंगरेज़न के साथ ।
उसे नवाते हैं सब माथ ।
बड़ी लड़ाई में वह जावै ।
धड़ा-धड़ा का सबद सुनावै ।
सदा निशाना अपना गहै,
बासू केर खगनियाँ कहै।
उत्तर : बन्दूक
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader