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{{KKRachna
|रचनाकार=बैर्तोल्त ब्रेष्त
|अनुवादक= उज्ज्वल भट्टाचार्य
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<Poem>
बहुतेरे मामूली लोगों की राय में
फ़्युहरर को नहीं पता है
कि उसका शिक्षा मंत्री हमेशा नशे में होता है और
कामगार मोर्चे का उसका नेता कभी होश में नहीं होता
कि उसका प्रचार मंत्री झूठ ही बोलता है, जब भी वह मुँह खोलता है
कि उसका युद्ध मंत्री युद्ध की तैयारी कर रहा है
कि उसके पुलिस मंत्री के पास हवाई यातायात मंत्री के खिलाफ़ सबूत हैं
कि वह रिश्वत लेकर उद्योगपतियों को इजाज़त देता है
कि वह देश को खराब मशीनों की आपूर्ति करे ।

बहुतेरे मामूली लोगों की राय में
फ़्युहरर को यह भी नहीं पता है
कि उसकी जेलों और शिविरों में लोगों को पीट-पीटकर मार डाला जाता है
कि उसके संगठन के बच्चे अपने माँ-बाप के खिलाफ़ जासूसी करते हैं
कि जाड़े की राहत-सामग्रियाँ गायब हो जाती हैं और कुछ लोग गर्मी में भी उससे मस्ती करते हैं
कि जर्मन माँ के बच्चों को स्पेन में बेचा जाता है
कि उद्योगपतियों के मुनाफ़े तीन गुने हो चुके हैं ।

अगर फ़्युहरर को यह सब पता होता
बहुतेरे मामूली लोगों की राय में जो उसे नहीं पता है
फिर वह
कुछ एक ईमानदार लोगों को बुलाता
(सबसे अच्छा होता यातना शिविरों से बुलाना)
और उनसे गुज़ारिश करता कि वे उसके गले में एक पट्टी बाँध दे, जिस पर लिखा हो :
"मैं खाई में धँसा हुआ फ़्युहरर था ।"

और गले में उस पट्टी के साथ वह सारे देश में घूमे
ताकि हर किसी को पता चल जाय ?

क्या वह ऐसा करेगा ?
क्या ख़याल है तुम्हारा ?

'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य'''
</poem>
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