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अगर वो ज़द में है तो उसपे दावा क्यों नहीं होता / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ'
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03:11, 27 नवम्बर 2021
सितारे अपने हिस्से के सभी डूबे हुए हैं क्यों
हमीं पर उसकी रहमत का
इषारा
इशारा
क्यूँ नहीं होता
‘शलभ‘ को बदगुमानी है फ़क़त अपनी उड़ानों पर
तकब्बुर<ref>घमंड</ref>जो ज़रा करता तो बिखरा क्यों नहीं होता
<poem/>
द्विजेन्द्र द्विज
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