गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
नया ज़माना / बैर्तोल्त ब्रेष्त / सुरेश सलिल
No change in size
,
17:08, 16 दिसम्बर 2021
एक से दूसरे मुँह तक फैला दी गई थी बुद्धिमानी ।
1943
1942
-43
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल'''
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits