गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तुम्हारी हँसी / नीलमणि फूकन / दिनकर कुमार
624 bytes added
,
10:02, 17 दिसम्बर 2021
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= नीलमणि फूकन |अनुवादक= दिनकर कुमा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= नीलमणि फूकन
|अनुवादक= दिनकर कुमार
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
आश्विन मास की रात
इन्द्रमालती के फूल रो रहे थे
उठकर जाकर देखा
गाँव की गोधूलि की तरह
तुम्हारी हंसी
सुपारी के पेड़ पर
लटक रही है ।
'''मूल असमिया से अनुवाद : दिनकर कुमार'''
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits