गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बाबिय यार / येव्गेनी येव्तुशेंको / अनिल जनविजय
1 byte removed
,
01:16, 17 मार्च 2022
वहाँ एक ऊँची ढलवाँ चट्टान खड़ी है
जैसे क़ब्र पर कोई
उदास और ऊबड़-खाबड़ पत्थर खड़ा कर दिया गया
हो ।
हो।
मुझे डर लग रहा है
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,612
edits