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रक्त-समाधि / विंदा करंदीकर / दामोदर खड्से
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17:40, 10 अप्रैल 2022
और उस चरम अद्भुत क्षण में
दिक्-काल की बेड़ी भग्न हुई ।
रक्त-समाधि में दिव्य स्वरों में बोले जब हम दोनों
—
तू
—
'आ...आ', मैं
—
'ले...ले...'
रक्त-समाधि लगी और विसर्जित माया;
मिला रक्त से रक्त बढ़ाने आगे जीवन !
अनिल जनविजय
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