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09:52, 26 अप्रैल 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़
|अनुवादक=अमर नदीम
|संग्रह=स्थगित स्वप्न / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम
}}
{{KKCatKavita}}
[[Category:अंग्रेज़ी भाषा]]
<Poem>
जब किसी मोड़ से गुज़रते ही
तुम टकरा जाते हो ख़ुद से
तब तुम्हें होता है अहसास
कि तुम पार कर आए हो
सारे ही मोड़ ।
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम'''
—
'''लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए'''
Langston Hughes
Final Curve
When you turn the corner
And you run into yourself
Then you know that you have turned
All the corners that are left
</Poem>
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