* [[वक़्त को मुख़्तलिफ़ रफ़्तार से चला लेंगें / रवि सिन्हा]]
* [[वहशतें वीरानियों से दर-ब-दर होती रहीं / रवि सिन्हा]]
* [[शहर ख़ाली है यहाँ ख़ौफ़ का फेरा होगा / रवि सिन्हा]]
* [[शाइस्तगी को बीच की दीवार करोगे / रवि सिन्हा]]
* [[शाम उतरी है जगाओ पीरे-उम्रे-दराज़ को / रवि सिन्हा]]