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अलविदा / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / वरयाम सिंह
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13:53, 4 जुलाई 2022
दिल टूट चुका है बहुत भीतर से ...
तैरता जा रहा हूँ मैं दूर, बहुत दूर
अनदेखे शब्दों के पीछे, आज़ादी के शब्दों के पीछे ।
जून 1858, फ़्लोरेंस
अनिल जनविजय
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