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उमादे / अर्जुन देव चारण
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06:59, 9 जुलाई 2022
उन मानधारियों का यश गाती है
तुमने वहां
अपना मान रखने की जिद क्यों की?
'''अनुवाद : नीरज दइया'''
</Poem>
Neeraj Daiya
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