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10:19, 17 जुलाई 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[चंद्रप्रकाश देवल]]
|अनुवादक=
|संग्रह=उडीक पुरांण / चंद्रप्रकाश देवल
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<poem>
जूंण है तो है प्रीत
अर प्रीत है तौ जूंण है
आं दोनूं सीगां रै ढावै न्यारौ-न्यारौ
थोड़ी ऊभणौ है
जुकाम है तौ नाक बेवैला
अर नाक बेवै तौ जुकाम है
व्हैग्यौ निवेड़ौ
जीवणा रै कांमै लागौ।
</poem>
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