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ब्यूनस आयरस / होर्खे लुइस बोर्खेस / अनिल जनविजय
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13:15, 11 अगस्त 2022
वहाँ, खेतों और मैदानों पर जहाँ उतरती है शाम,
जहाँ खड़े हैं सर्द देवदार और लहराती है जुही
उस
लौहबाड़ के पार
उस
बाग़ में सोए हुए सरेआम ।
तू पलेर्मो में थी, गहरे अन्धविश्वास फैले हैं जहाँ,
अनिल जनविजय
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