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छककरके पिया / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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06:14, 22 अगस्त 2022
खिल उठेंगे सारे
चाँद और सितारे
'''(10 दिसम्बर 21)'''
162
उर -आँगन
हो उठा रससिक्त
सुरभित दिशाएँ
शीतल इन्दु
नभ में बिखेरता
मधुमय चन्द्रिका।
<poem>
वीरबाला
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