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जो मारे जाते / शिरोमणि महतो
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04:35, 29 अगस्त 2022
बिलकुल भेड़ों की तरह
वे मन्दिर और मस्ज़िद में
गु्रुद्वारे
गुरुद्वारे
और गिरजाघर में
कोई फ़र्क नहीं समझते
उनके लिए वे देव-थान
अनिल जनविजय
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