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12:37, 12 अक्टूबर 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=देवनीत
|अनुवादक=जगजीत सिद्धू
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
काण्ट,
कीट्स से मिलता है,
और कहता है —
कवि पागल होते हैं,
झूठे,
कवियों को गोली मार देनी चाहिए
कीट्स खिलखिलाकर हंसता है,
काण्ट
हंस नहीं पाता ...।
—
'''मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : जगजीत सिद्धू'''
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