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दोहा छन्द
यहीं जन्म सीता ने पाया,
जो अब सीतामढ़ी कहाया।।
 
ब्याही गयी राम से सीता,
पावापुरी यहीं की नगरी,
पदनिर्वाण जैन की गगरी।।
 
दोहा छन्द
धर्म सनातन की यहाँ,
होती जय जयकार।।
 
चौपाई छन्द
जग का जो था गुरु कहलाता,
वह बिहार पिछड़ा रह जाता।।
 
दोहा छन्द
सर्वश्रेष्ठ है विश्व में,
अनुपम राज्य बिहार।।
 
दोहा छन्द
भारत को आजाद कराने,
प्राण दिये लाखों दीवाने।
 
दोहा छन्द
मिलता था अंग्रेज को,
यहाँ नहीं तब ठौर।।
 
चौपाई छन्द
सभी सुखी सम्पन्न हों,
तब बदले परिवेश।।
 
दोहा छन्द
गंगा गंडक कौशिकी,
की बहती जहँ धार।।
 
चौपाई छंद
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