1,624 bytes added,
11:13, 25 फ़रवरी 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रसूल हम्ज़ातव
|अनुवादक=मदनलाल मधु
|संग्रह=मेरा दग़िस्तान / रसूल हम्ज़ातव / मदनलाल मधु
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
ख़ुश्क, गर्म मौसम में बारिश — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
बरसाती गर्मी में सूरज — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
होंठ शहद से मीठे-मीठे — मेरे बच्चे, वे तुम हो ।
काले अँगूरों सी आँखें — मेरे बच्चे, वे तुम हो ।
नाम शहद से बढ़कर मीठा — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
चैन नयन को जो सुख देता — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
धड़क रहा है जो सजीव दिल — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
स्पन्दित दिल की चाबी जैसे — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
जो सन्दूक मढ़ा चाँदी से — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
जो सन्दूक भरा सोने से — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
—
'''रूसी भाषा से अनुवाद : मदनलाल मधु'''
</poem>