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13:14, 27 फ़रवरी 2023 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=कल्पना मिश्रा
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<poem>
अच्छा लगता है
उगता सूरज, मन का धीरज
खिले फूल, गाँव की धूल
मुस्कुराती लड़की, घर की खिड़की
नीला आकाश, प्यार की प्यास
अच्छा लगता है
काले बादल, छनकती पायल
बरसता पानी, बुढ़ी नानी
हरी घास, सावन मास
कोयल की कुहु, नई नवेली बहु
अच्छा लगता है
खिलखिलाते बच्चे, मन के सच्चे
प्रगति के शिखर, प्रेम की डगर,
झुमती डाली, धान की बाली
मोर के पंख, बाँसुरी और शंख
अच्छा लगता है
अपनों का प्यार, बच्चों की मनुहार
अकेले में रोना, मीठी यादों में खोना
चांद को निहारना, बच्चे को दुलारना
गीत गाना, कवि को सुनना
</poem>