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भाषा का यो़द्धा मैं/वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
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06:04, 12 मार्च 2023
निर्बल-असहायों का गहराता बल हूँ मैं
मानस को निर्मल करने वाला जल हूँ मैं
सूर
और
, जायसी,
तुलसी हैं मेरे
संबंधीजन
पथ-दर्शक,
वाल्मीकि-वंशज, कबिरा का अवतारी हूँ
अगणित तलवारों पर...
वीरेन्द्र खरे अकेला
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