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17:47, 16 अप्रैल 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=आदम ज़गायेवस्की
|अनुवादक=उदयप्रकाश
|संग्रह=
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'''यह अनुवाद अद्भुत कबाड़ी अशोक पांडे के लिए'''
जब दूसरों ने युद्ध किए
या शान्ति के लिए चिरौरियाँ कीं, मु्क़दमे किए
या तम्बुओं, अस्पतालों के संकरे बिस्तरों पर सोते रहे
लम्बे समय तक
उसने बीथोवन के सोनाटा का अभ्यास किया
और अपनी पतली उँगलियों से , जैसे वे किसी कंजूस की उँगलियाँ हों
अथाह दौलत के उन महान खज़ानों को छुआ
जो उसके नहीं थे ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदयप्रकाश'''
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