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17:58, 16 अप्रैल 2023 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=आदम ज़गायेवस्की
|अनुवादक=उदयप्रकाश
|संग्रह=
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ये बेचारे उन्नीसवीं सदी के कवि
लाज से लाल-लाल गालों वाले स्वप्नदर्शी
प्रेरणाओं की मशाल हमारे महान बिरादर
जिन्होंने पेरिस में अपने पोर्ट्रेट बनाने की अनुमति दी
और जो आज स्कूल की तमाम पाठ्य-पुस्तकों में चमचम चमक रहे हैं
हमारे ही बिरादर
उन उद्धरणों और सूक्तियों के लेखक
जो हर अन्याय को न्यायसंगत ठहराने में इस्तेमाल हुआ करते हैं ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदयप्रकाश'''
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