गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं / गोपालदास "नीरज"
No change in size
,
12:00, 5 मई 2023
तुम मत मेरी मंज़िल आसान करो
हैं फूल रोकते,
काटें
कांटे
मुझे चलाते
मरुस्थल, पहाड़ चलने की चाह बढ़ाते
सच कहता हूँ जब मुश्किलें ना होती हैं
Arti Singh
350
edits