गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हार किसी को भी स्वीकार नहीं होती / महावीर उत्तरांचली
3 bytes removed
,
23:18, 23 जुलाई 2023
राह अगर मेरी दुशवार नहीं होती
डर मत
लह्रों
लहरों
से, आ पतवार उठा ले
बैठ किनारे, नैया पार नहीं होती
Arti Singh
350
edits