गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हमेशा भागती ही रहती हो तुम / अनतोनिओ मचादो / अनिल जनविजय
10 bytes removed
,
10:47, 29 जुलाई 2023
वापिस लौटो, तुम रोको क़दम
होठों का तेरे मकरन्द ये कड़वा
मैं चूमना चाहूँ
,
गुल
ये
तेरे,
ओ
हमदम !
'''स्पानी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,606
edits