Changes

{{KKCatKavita}}
<poem>
प्लास्टिक की थैलियों के पंख नहीं होते
लेकिन वे उड़ने की कोशिश करती हैं।विश्व
हर प्राणी का सपना है उड़ना।
 
आशा के बजाय निराशा
इन थैलियों को आकाश में उड़ा देती है
नर में मेंढ़कों की तरह वे अपने फेफड़ों में हवा भर लेती हैं
और अन्तरिक्ष में कूद जाती हैं
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,726
edits