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16:40, 5 दिसम्बर 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कानेको मिसुजु
|अनुवादक=तोमोको किकुची
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
प्रकाश की ओर
प्रकाश की ओर जाना चाहता है वो
घनी झाड़ी की छाया में छुपा एक पौधा
धूप की ओर
धूप की ओर बढ़ना चाहता है वो
एक पत्ते पर ही सही थोड़ी धूप पड़ जाए ।
प्रकाश की ओर
प्रकाश की ओर जाना चाहता है वो
आलोक की ओर
चाहे उसके पंख जल जाएँ
रात को उड़ता पतिंगा ।
प्रकाश की ओर
प्रकाश की ओर
जाना चाहता है वो प्रकाश की ओर
ज़रा सी ही सही, और जगह मिल जाए
शहर का बच्चा !
'''मूल जापानी से अनुवाद : तोमोको किकुची'''
</poem>
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