1,638 bytes added,
8 मार्च {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=फ़ेर्नान्दो पेस्सोआ
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=
}}
<poem>
स्टेन गोएत्ज़ और बिल इवांस* की
जाज़ प्रस्तुतियों के बाद
जो सन्नाटा पैदा होता है,
वो वैसा नहीं होता,
जो उनके
सैक्साफ़ोन और पियानो बजने से
पहले होता है ।
मुझे लगता है कि
दूसरी ही होती है
इस सन्नाटे की आवाज़ ।
ऐसा लगता है कि
आज़ाद हो चुका है
यह सन्नाटा
उसने पहचान लिया है
अपने सार को
एक खिड़की खुल गई है
उसके सामने
और वह बड़ी व्यग्रता से
निगल रहा है
ठण्डी हवा !
* बीसवीं सदी के प्रसिद्ध अमरीकी सैक्साफ़ोन वादक स्टेन गोएत्ज़ (1927-1991) और प्रसिद्ध अमेरिकी पियानोवादक बिल इवांस (1929-1980) जो ऊँचे सुर में अपने वादन के लिए जाने जाते हैं।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
</poem>