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<poem>
तुमने कहा — दाएँ घूमो ।
हम दाएँ घूम गए ।
तुमने कहा — बाएँ घूमो ।
हम बाएँ घूम गए ।
तुम्हारे कहने पर हम एक जैसा खाना खाने लगे ।
तुम्हारे कहने पर हम एक जैसे कपड़े पहनने लगे ।
तुम्हारे कहने पर हम अपने चेहरों पर एक जैसा क्रूर भाव रखने लगे ।
तुम्हारे कहने पर हम अपने दोनों पैरों से अंहकार की चाल चलने लगे ।
तुम्हारे कहने पर हम अपने बिस्तर पर एक जैसी स्वप्नरिक्त नींद लेने लगे ।
यहाँ तक की हमारे खर्राटे भी एक जैसी ख़ौफ़नाक आवाज़ में बदल गए,
तुम्हारे कहने पर ।
तुमने कहा — ऑर्डर ! ऑर्डर !!
हमने माना ऑर्डर अनुशासन है ।
तुमने कहा — ऑर्डर यानि कर्त्तव्य ।
हमने माना ऑर्डर माने ऑर्डर ।
तुमने कहा — बम फेंको । हमने फेंक दिए ।
तुमने कहा — गोली चलाओ॥ हमने चला दी ।
तुमने कहा — दुश्मनों की हत्या कर दो ।
हमने हज़ारों हत्याएँ कर दीं ।
फिर हम हिंसा में लिपटे घर गए
और आपके ऑर्डर पर हिंसा का प्रचार-प्रसार करने लगे ।
तुमने कहा — पड़ोसी देश मुर्दाबाद ।
हमने कहा — पड़ोसी देश मुर्दाबाद ।
तुमने कहा — यही देशभक्ति है ।
हम कहा — यस सर !
तुमने कहा — तुम भीड़ हो ।
हमने कहा — यस सर !
तुमने कहा — तुम नम्बर हो ।
हमने कहा — यस सर !
तुमने कहा — मर जाओ ।
हमने कहा — यस सर !
तुमने कहा — गर्व से भर जाओ ।
हमने कहा — यस सर !
तुमने कहा — जो न कहे ’यस सर’, उससे कहलवाओ ’यस सर'
हमने कहा — यस सर !
फिर सबने कहा — यस सर !!!
</poem>