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छाए बादल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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21 जुलाई
मेंढकजी गायक बन बैठे
इसीलिए है मन में ऐंठे,
लगा फुलाँचे
हिसी
हिरनी
जैसी
सबके मन को भाए बादल।
'''-0-14-5-81 ,अमर उजाला 6-9-81'''
</poem>
वीरबाला
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