{{KKPustak
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|नाम=तप रहे हैं शब्द मन के और तुम हो (नवगीत प्रेमगीत संग्रह)
|रचनाकार=राहुल शिवाय
|प्रकाशक=समय साहित्य सम्मलेन, बाँका, बिहार |वर्ष=20162024
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====प्रतिनिधि नवगीतगीत====* [[उघर रहा गणतंत्र कौन संझा दीप बारे / राहुल शिवाय]] * [[विज्ञापन कहता है तुम ही लौट आए / राहुल शिवाय]] * [[कैसे हो सुनवाई दिवस न माँगो / राहुल शिवाय]] * [[मौन भी अपराध है और तुम हो / राहुल शिवाय]] * [[हैं कृषक हड़ताल पर बैठा है अख़बार / राहुल शिवाय]] * [[सिर्फ बाँचने लगे समस्या मेरे गीत सँभाले रखना / राहुल शिवाय]] * [[नदी तथागत कामनाएँ / राहुल शिवाय]] * [[कितना बदल गया प्रणय की लौ / राहुल शिवाय]] * [[सन्नाटे डँसते हैं / राहुल शिवाय]]* [[बेटा घर अब आओ / राहुल शिवाय]]* [[गाँव का जीवन बदल गया / राहुल शिवाय]] * [[अाग शहर में फैल रही है / राहुल शिवाय]] * [[रामवचन घर कर्तव्यों के शिलापृष्ठ पर आया / राहुल शिवाय]]* [[तप रहे हैं शब्द मन के विदा गीत / राहुल शिवाय]] * [[दिल्ली से आवाज उठी क्या प्रिये संभव नहीं है / राहुल शिवाय]] * [[यह घर दो भाई का घर है प्यार तुम्हारा / राहुल शिवाय]]* [[बरसो घन आहटें ऐसी मिलीं मेरे हृदय को / राहुल शिवाय]]* [[बार-बार क्यों शकुनी फेके अभी छोड़कर तुम न जाओ सुनयने! / राहुल शिवाय]]* [[नई सदी के तौर-तरीके कौन छू गया अंतर को / राहुल शिवाय]] * [[करते सिर्फ प्रतीक्षा अब नहीं मैं लौट पाऊँगा दुबारा / राहुल शिवाय]] * [[रहे प्रदुषण मुक्त धरा तुमसे ही श्रृंगार किया / राहुल शिवाय]] * [[पतझड़ बीत गया कुँवारी धूप / राहुल शिवाय]] * [[नूतन वर्ष तुम तक पहुँचना चाहता हूँ / राहुल शिवाय]]* [[कवि करने आए हैं पाठन / राहुल शिवाय]]* [[क्यों न बोलें ये व्यथाएँ एक तुम्हारा प्यार / राहुल शिवाय]]