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अगर तुम यह जान सको / नजवान दरविश / मंगलेश डबराल
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22:56, 9 नवम्बर 2024
अगर तुम सिर्फ़ यह जान सको
कि ख़ुद से ही
ज़िन्दगी हैं तुम्हारे
दोस्
दोस्त
।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल'''
</poem>
अनिल जनविजय
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