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05:43, 26 नवम्बर 2024 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=अनामिका अनु
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<poem>
किताबों के बीच छोड़कर ही अपना सिर
वह जाती रही बिस्तर पर
उस दिन भी
बेसिर ही मिली वह बिस्तर पर
उसका सिर किताबों के बीच ढूंढ़ा
ख़ोजी कुत्तों ने
</poem>