546 bytes added,
कल 18:11 बजे {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दिनेश शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
चल रोड दें
अब तोड़ दें
हर रार को
हम छोड़ दें
अभिमान को
झकझोड़ दें
गर हार हो
तो होड़ दें
नग राह के
सब फोड़ दें
पग राम के
मन जोड़ दें
पथ को नया
इक मोड़ दें
</poem>