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01:35, 24 दिसम्बर 2024 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ज़ोजे सरामागो अनिल जनविजय
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
शब्द साधारण होते हैं,
शब्द सामान्य होते हैं,
समय बीतने के साथ-साथ
सिक्के घिस जाते हैं जैसे
वैसे ही घिस जाते हैं शब्द ।
लेकिन जब उन पर किसी कवि की नज़र पड़ती है
तो चमक उठते हैं वे
जगमगाने लगते हैं एक नई आभा से
झलमल -झलमल दमकने लगते हैं
खनखनाने लगते हैं
जैसे बज रहे हों पहली बार ।
'''मूल पुर्तगाली भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
'''लीजिए, अब यही कविता मूल पुर्तगाली भाषा में पढ़िए'''
Jose Saramago
Processo
As palavras mais simples, mais comuns,
As de trazer por casa e dar de troco
Em lingua doutro mundo se convertem;
Basta que, de sol. os olhos do poeta,
Rasando, as iluminem.
</poem>