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|रचनाकार=शैल चतुर्वेदी
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लोकल ट्रेन से उतरते ही<br>
हमने सिगरेट जलाने के लिए<br>
ये भिखारियों का देश्‍ा है <br>
लीजिए! भिखारियों की लिस्‍ट पेश है<br>
धंधा माँगने वाला भिखारी <br>
चंदा माँगने वाला<br>
दाद माँगने वाला<br>
भीख माँगी तो कहते हैं <br>
कामचोर है <br>
उनमें उनसे कुछ नहीं कहते <br>
जो एक वोट के लिए <br>
दर-दर नाक रगड़ते हैं<br>
वरना आपके पाँच में अपने पाँच मिला कर <br>
दस आपके हाथ पर धर दूँगा !"<br><br>
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