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== मॉस्को में हिन्दी महोत्सव ==
 
आज रूस की राजधानी मॉस्को में त्रिदिवसीय मॉस्को हिन्दी महोत्सव आरंभ हुआ। रूस में भारत के राजदूत श्री कंवल सिब्बल ने मॉस्को हिन्दी महोत्सव का उद्घाटन किया। महोत्सव में रूस और उसके पड़ौसी देशों कज़ाकिस्तान, बेलारूस, उक्रेन, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, लिथुआनिआ आदि के लगभग सौ हिन्दी विद्वान भाग ले रहे हैं।
भारत के राजदूत श्री कंवल सिब्बल ने अपने.म्प3 भाषण में कहा कि इस नई सदी में जब पूरा विश्व एक गांव के रूप में सिमट आया है, यह ज़रूरी है कि हम एक दूसरे की संस्कृति को गहराई से समझें। मॉस्को हिन्दी महोत्सव इसी दिशा में एक नया कदम है।
पिछले पचास वर्षों से हिन्दी से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार पद्मभूषण येव्गेनी चेलिशेव इस अवसर पर बेहद भावुक हो गये और उन्होंने कहा कि इतिहास चल रहा है, समय गुज़र रहा है, हिन्दी भी साथ साथ बढ़ रही है। इसी हिन्दी ने हमें यहां इकट्ठा किया है। उन्होंने निराला, मुक्तिबोध, नागार्जुन, पंत, बच्चन, श्रीकांत वर्मा, अज्ञेय जैसे महारथी साहित्यकारों से जुड़े संस्मरण सुनाए।
मॉस्को विश्वविद्यालय के एशियाई व अफ्रीकी अध्ययन संस्थान के डीन प्रो. मिखाइल मेयर ने कहा कि आज जब रूस और भारत के संबंध एक बार फिर अपने विकास के उच्च स्तर पर पहुंच रहे हैं इस तरह के सम्मेलन आ आयोजन एक सही समय है।
हिन्दी व्याकरण के रूसी आचार्य श्री ऑलेग उलत्सीफेरोव ने बताया कि रूस में 1947 से हिन्दी पढ़ाई जा रही है। इस बीच में रूसी विद्वानों ने हिन्दी के दस व्याकरण लिखे हैं, जिनमें सॆ 5 भारत में प्रकाशित हुए हैं।
भारत से प्रो. वाई लक्ष्मी प्रसाद, प्रो. अशोक चक्रधर, डॉ. विजय कुमार मल्होत्रा, डॉ. विमलेश कांति वर्मा और मधु गोस्वामी इस महोत्सव में भाग लेने गए हुए हैं।
रूसी साहित्य के प्रसिद्ध अनुवादक श्री मदनलाल मधु को रूस आए पूरे पचास साल हो गए। पूरे सभागार ने इस अवसर पर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. सराजू ने बताया कि यह सम्मेलन तीन दिन तक चलेगा और इसमें विदेशों में हिन्दी शिक्षण पर व्यवहारिक चर्चाएं होंगी।
रूस स्थित भारत मित्र समाज ने भारत के विदेश मंत्रालय और रूस स्थित जवाहर लाल नेहरू सांस्कृतिक केन्द्र, भारतीय दूतावास, के साथ मिलकर इस महोत्सव का आयोजन किया है।
 
 
== "रंग तरंग और हास्य व्यंग - सीधे प्रसारण के संग" ==
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