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हल्दीघाटी / अष्ठम सर्ग / श्यामनारायण पाण्डेय
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18:51, 6 दिसम्बर 2008
गणपति के पावन पांव पूज¸ <Br/>
वाणी–पद को कर नमस्कार। <Br/>
उस चण्डी को¸ उस
दुगार्
दुर्गा
को¸ <Br/>
काली–पद को कर नमस्कार।।1।। <Br/><Br/>
उस कालकूट पीनेवाले के <Br/>
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