गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
धूल / प्रयाग शुक्ल
No change in size
,
12:46, 1 जनवरी 2009
<Poem>
धूल में पड़ी रहती हैं बहुत सी चीज़ें ।
तिनके । टुकड़े
कांच
काँच
के । उड़कर कहीं से
चले आये मकड़ी के जाले के तार ।
पंख । चिट्ठियों के अक्षर ।
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits